Monday, October 16, 2017
Thursday, September 14, 2017
व्हाट्सऐप यूज़र्स के लिए खुशखबरी, अब भेजे मैसेज कर सकेंगे डिलीट
'मैसेज टाइप किया और बिना सोचे समझे भेज दिया', ऐसा लगभग हर किसी के साथ होता है। ऐसी स्थिति में पछतावे के अलावा और किया भी क्या जा सकता है, क्योंकि हमारे पास इन भेजे हुए मैसेज को डिलीट करने जैसा कोई फीचर नहीं है।
खैर अभी तक तो नहीं था, लेकिन शायद अब हो सकता है। वो भी आपके चहेते व्हाट्सएप पर। काफी लंबे समय से व्हाट्सऐप पर यूज़र्स की डिमांड थी कि भेजे मैसेज को डिलीट करने का एक ऑप्शन हो और अब लगता है कि व्हाट्सऐप ने यूज़र्स की सुन ली है। खबरों की मानें तो व्हाट्सऐप जल्द ही नया फीचर लॉन्च करने वाला है। जो कि यूज़र्स को मैसेज भेजने के बाद उसे unsend करने का ऑप्शन देगा।
फिलहाल व्हाट्सऐप इस फीचर को बीटा वर्जन पर टेस्ट कर रही है, जो कि लेटेस्ट व्हाट्सऐप बीटा पर मौजूद है। यह फीचर यूज़र्स को भेजे हुए मैसेज को डिलीट करने की सुविधा देगा। WABetaInfo पर आई रिपोर्ट के अनुसार एंड्रायड इनसाइडर इस फीचर को टेस्ट कर रहे हैं।
यदि आप व्हाट्सऐप बीटा यूज़र नहीं हैं, तो आपको इसके लिए थोड़ा इंतजार और करना होगा, क्योंकि अभी यह केवल व्हाट्सऐप बीटा पर है वो भी लेटेस्ट वर्जन। इस फीचर की मजेदार बात यह है कि इससे वो मैसेज भी डिलीट होंगे जो भेजे हुए व्यक्ति ने देख लिए हैं।
व्हाट्सऐप के इस नए फीचर को आने में भले ही कितना भी टाइम लगे, लेकिन यह फीचर यूज़र्स के बेहद काम आने वाला है। अब रात को भजे मैसेज के लिए सुबह उठाकर पछताना नहीं पड़ेगा।
Friday, September 8, 2017
Tuesday, September 5, 2017
शिक्षा विभाग ने पूरी की निजी स्कूलों एवं फर्जी कोचिंग संस्थानों की जांच
निजीस्कूल संचालकों की संघर्ष समिति द्वारा फर्जी कोचिंग एवं मान्यता से अधिक कक्षाएं चलाने वाली शिक्षण संस्थाओं की कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। हालांकि शिक्षा विभाग द्वारा जांच रिपोर्ट सोमवार को कलेक्टर को पेश की जाएगी।
जिला मुख्यालय पर ही कई निजी स्कूलों में मान्यता से अधिक कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इसमें संचालकों द्वारा नया शिक्षण सत्र शुरू होने पर इसका जोर-शोर से प्रचार प्रसार भी किया। इसके लिए पोस्टर और पंपलेट भी चिपकाए गए, जिन पर संचालकों के फोटो और मोबाइल नंबर भी लिखे, लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से एक भी संस्था के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से फर्जी संस्था संचालकों एवं अधिकारियों की मिलीभगत सामने गई है। विभाग के अधिकारियों ने कुछ दिनों तक के लिए कोचिंग तथा संस्थाओं का निरीक्षण करने का दिखावा किया, लेकिन एक भी संस्था के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से संदेह के घेरे में गए।
जिला मुख्यालय पर कई स्कूल ऐसे हैं, जो मान्यता से अधिक कक्षाएं चला रहे हैं। इनमें सैंथल रोड, आगरा रोड, लालसोट रोड सहित कई कॉलोनियों में स्कूल संचालित हैं। मान्यता से अधिक कक्षाओं का जिले में मोटा खेल चल रहा है, जिसमें अधिकारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता। मान्यता से अधिक कक्षाएं चलाने वाले संचालक अपने विद्यार्थियों का अटैचमेंट मान्यता प्राप्त संस्था से ही करते हैं। जिससे उनकी परीक्षा और प्रमाण पत्र आदि मिलने की राह आसान हो जाती है। अटैचमेंट के लिए प्रति छात्र कक्षा के हिसाब से रकम दी जाती है।
कार्रवाई की पहले मिल जाती है सूचना
शिक्षाविभाग के सूत्रों की मानें तो कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा अधिकारियों के निरीक्षण से पूर्व संचालकों को सूचना दे दी जाती है। कार्यालय में शिकायत आने पर जांच के आदेश आने पर उन्हें सतर्क कर दिया जाता है। ऐसे में मान्यता से अधिक कक्षाओं के विद्यार्थियों की छुट्टी कर दी जाती है। सूरजपुरा के पास एक गांव के सैकंडरी मान्यता के स्कूल में मान्यता को सरस डेयरी के पास संचालित करने की शिकायत गत दिनों विभाग को प्राप्त हुई। शिकायत के साथ पोस्टर भी मिला, जिस पर संचालक के फोटो के साथ मोबाइल नंबर थे। विभाग के ब्लाक अधिकारी को निरीक्षण के लिए भेजा, तो वहां से 12वीं के विद्यार्थियों को पहले ही हटा दिया। गांव में स्वीकृत स्कूल को डेयरी के पास चलाने एवं दौसा में संचालित स्कूल से विद्यार्थियों का अटैचमेंट होने के बावजूद निरीक्षण को गए अधिकारी लीपापोती कर लौट गए।
प्रशासनको कार्रवाई के लिए लिखा
^मान्यतासे अधिक कक्षाएं संचालित करने वालों एवं कोचिंग संचालकों को नोटिस दिए गए हैं। इन संस्थाओं की जांच तीन दलों ने की है। जांच रिपोर्ट सोमवार को कलेक्टर को पेश की जाएगी। इसमें संचालकों के नाम, मोबाइल नंबर एवं नोटिस की कॉपी रिपोर्ट के साथ नत्थी कर प्रशासन को कार्रवाई के लिए लिखा है। रामनिवासशर्मा, एडीईओ, दौसा
35 शिक्षकों को मिलेगा राज्यस्तरीय सम्मान
जयपुर। शिक्षक दिवस पर मंगलवार को बिडला सभागार में सुबह 10:30 बजे से राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा। समारोह में 61 जनों का सम्मान होगा। इसमें 35 शिक्षक और 26 अन्य अधिकारी शामिल है। राज्य स्तर पर सम्मानित होने वाले शिक्षकों का कोटा 62 शिक्षकों का है। सम्मान के लिए जब केवल 35 शिक्षक ही मिले तो शिक्षा विभाग ने कलेक्टर, डीईओ सहित 26 अन्य अधिकारियों को सम्मानित करने का रास्ता निकाल लिया। माध्यमिक शिक्षा के 26 शिक्षक में जयपुर की सुषमा अग्रवाल, हनुमानगढ़ के सोहन सिंह, चित्तौडगढ के राजेश कुमार ओझा, पाली के पंकज गहलोत, भीलवाड़ा के बद्री लाल लौहार, करौली के कैलाश चन्द मीणा, जोधपुर के अनिल कुमार धींगरा, जैसलमेर के मैराज सिंह, बांसवाड़ा के विजय कृष्ण वैष्णव, , डूंगरपुर की अनिता शर्मा, हनुमानगढ़ के राजेश कुमार, जयपुर के थाना राम जाट, जालौर के गोपाल सिंह राजपुरोहित, पाली के रजनीश ओझा, अजमेर के रामगोपाल बैरवा, झालावाड़ की कुसुम शर्मा, दौसा के हर सहाय मीना, कोटा की आकांक्षा शर्मा, भीलवाड़ा के कन्हैयालाल वर्मा, धौलपुर के नरेश कुमार जैन, दौसा के लक्ष्मण सिंह गुर्जर, नागौर के सुनील कुमार सेन, अजमेर की अंजना कंवर, टोंक के हेमराज विजय, जयपुर के रामकरण यादव, दौसा के रामजी लाल बोहरा
प्रारंभिक शिक्षा के 7 शिक्षक में चित्तौड़गढ़ के देवकीनन्दन वैष्णव और विद्या टेलर, बांसवाड़ा के रमेशचन्द्र व्यास, जोधपुर के राकेश सिंह देवडा, धोल पुर के जगतार सिंह, जयपुर के ओमप्रकाश भार्गव और रामलाल जाट।
संस्कृत शिक्षा के 2 शिक्षक में जयपुर कालाडेरा के सांवर मल शर्मा तथा नागौर के रामगोपाल जाट।
चूरू, हनुमानगढ़ और सवाई माधोपुर के जिला कलेक्टर, 6 जिला शिक्षा अधिकारी, 6 अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, शिक्षा विभाग की विभिन्न परियोजनाओं में काम कर रहे 4 अधिकारियों के साथ उत्कृष्ट और स्वामी विवेकानंद स्कूलों के 7 शिक्षकों को भी सम्मानित किया जाएगा।
अप्रशिक्षित शिक्षकों को करना होगा डीएलएड कोर्स
सरकारने शिक्षा विभाग को सरकारी, अनुदानित गैर अनुदानित निजी स्कूलों में कार्यरत प्रशिक्षित शिक्षकों का एनआईओएस के पोर्टल पर डाटाबेस तैयार कराने के निर्देश दिए है। इकसी मॉनिटरिंग से पता लगेगा की ऐसे शिक्षकों ने प्रशिक्षण लिया है या नहीं। निजी स्कूलों के संस्था प्रधानों से इस बाबत प्रमाण पत्र भी लिया जाएगा कि उनके स्कूलों के सभी शिक्षक प्रशिक्षित है।
केंद्रसरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देशभर के निजी सरकारी स्कूलों में अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एज्यूकेशन (डीएलएड) अनिवार्य कर दिया है। कोर्स नहींने वाले शिक्षकों को स्कूल से हटाया जा सकता है।
शिक्षाविभाग को दिए निर्देश
मंत्रालयने शिक्षा विभाग को पत्र जारी कर निर्देश दिए है कि सरकारी, गैर अनुदानित, अनुदानित स्कूलों में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षकों को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग(एनआईओएस) के माध्यम से डीएलएड कोर्स करना अनिवार्य है। इसके लिए प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को राज्य समन्वयक नियुक्त किया गया है। निदेशक ने जिला शिक्षा अधिकारियों को 15 सितंबर तक सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों का 15 सितंबर तक एनआईओएस में पंजीकरण करवाने को कहा गया है।
इसकी सूचना जिला शिक्षा अधिकारी को शिक्षा निदेशक बीकानेर को देनी होगी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूल शिक्षा साक्षरता विभाग ने देश के सभी निजी स्कूलों का डाटाबेस तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी निजी स्कूलों कोWWW.rjpsp.nic.in पर 8 सितंबर तक छात्रों से जुड़ी सभी जानकारियां ऑनलाइन देनी होगी। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को इसके निर्देश भी जारी किए है।
सरकारी स्कूल इसमें शामिल नहीं है, क्योंकि इनका डाटा दर्पण शाला दर्शन पर ऑनलाइन दर्ज है। केंद्रीय विद्यालय, नवोदय, मिलिट्री, सैनिक स्कूलों मदरसों को भी इसकी जानकारी देनी होगी। इसके लिए हर स्कूल को लॉग इन आईडी पासवर्ड जारी किया जा रहा है। तकनीकी समस्या समाधान के लिए विभाग ने हेल्पलाइन नंबर 0141-2719073 जारी किया है।
12वीं में 50% अंक वाले ही पात्र
डीएलएडमें प्रवेश के लिए 12वीं में 50 फीसदी अंक होना अनिवार्य है। कम अंक होने पर 12वीं की परीक्षा दुबारा देनी होगी। तभी वह यह कोर्स कर सकेगा। अंकों की बाध्यता के चलते कई अप्रशिक्षित शिक्षक इस प्रशिक्षण से वंचित रह सकते है।
सेवा से किया जाएगा बर्खास्त
^सरकारी,अनुदानित गैर अनुदानित स्कूलों में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षक डीएलएड डिप्लोमा नहीं करता है तो उसे सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है। इसलिए ऐसे शिक्षकों को 15 सितंबर तक रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। 1 सितंबर 2019 तक डिप्लोमा नहीं करने पर अप्रशिक्षित शिक्षक को सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है। शिवराजबैरवा, एपीसी,आरटीई प्रभारी, डीईओ, प्रा., टोंक
Sunday, September 3, 2017
फाउंडेशन फियोर दी लौटो शिक्षक दिवस के अवसर पर कल करेगी 101 शिक्षकों और 5 सामाजिक कार्यकर्ताओं का सम्मान, अरुण चतुर्ववेदी होंगे मुख्य अतिथि
सम्मानित होने वाले शिक्षको की सूची
एजुकेशन न्यूज़ ग्रुप के चार एडमिन इस राज्यस्तरीय समारोह में सम्मानित किये जा रहे है -
3. श्री भवानी कांत पंचोली(उदयपुर जोन एडमिन )
4. श्री रमेशकुमार सैनी(जयपुर जोन एडमिन )
Tuesday, August 29, 2017
भारतीय संस्कृति, परंपरा के बारे में कोर्स तैयार करेगा NCERT
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद यानी एनसीईआरटी, इतिहास से संबंधित भारतीय परंपरा और संस्कृति के बारे में कुछ कोर्स तैयार करेगी. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय में भारत बोध व्याख्यान श्रृंखला का शुभारंभ करते हुए जावडेकर ने कहा कि भारत की शिक्षा पद्धति ऐसी हो गई है कि हम भारत की संस्कृति के बारे में भूलते जा रहे हैं और शेष दुनिया को याद रखने पर जोर दे रहे हैं.
मंत्री ने कहा कि दुनिया को जानना और याद रखना जरूरी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम भारत और उसके गौरवशाली आतीत को भूल जाएं. मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि हम एनसीईआरटी के साथ ऐसे कोर्स को आगे बढ़ाएंगे जो भारत और उसके गौरवशाली आतीत को भूलने ना दें. हमारा मानना है कि हमारी सही पहचान हमारे अपने देश की पहचान के साथ शुरू होती हैं. बिना इसे जाने, हम दुनिया के बारे में छिपी बातों को नहीं जान पायेंगे. हमारा अपने अतीत के मूल्यों के बारे में चर्चा करने के बारे में खुला रूख हैं.
साथ ही कहा कि दर्शनशास्त्र और इंडोलॉजी से जुड़े सभी छात्रों को इस व्याख्यान में शामिल होना चाहिए. जावडेकर ने कहा कि अगर हम भारत के बारे में नहीं जानेंगे तो हम अपनी सही पहचान के बारे में नहीं जान पायेंगे. ऐसे में हमें अपने देश की सही पहचान जाननी चाहिए. इग्नू के कुलपति रविन्द्र कुमार ने कहा कि 'हम जल्द ही भारत बोध के बारे में एक नया औपचारिक सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करेंगे.
गौरतलब हैं कि एनसीईआरटी अपने सिलेबस में नया विषय जोड़ने पर ध्यान दे रही है जिससे वर्तमान पीड़ि और आगे आने वाली पीड़ियां अपने देश और उसकी गौरवशीलता से भरे आतीत को ओर करीब से जान पाएंगे. साथ ही इग्नू भी इसी विषय को ध्यान में रखते हुए एक नया औपचारिक सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करेगी.
Tuesday, August 22, 2017
Saturday, August 19, 2017
ब्लू व्हेल गेम: स्कूलों को CBSE की ओर से इंटरनेट संबंधित गाइडलाइंस जारी
नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई)सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) ने स्कूल और स्कूल बसों में इंटरनेट और डिजिटल टेक्नोलॉजी के सुरक्षित एवं प्रभावी इस्तेमाल के लिए 18 सूत्री दिशानिर्देश जारी किया है। साथ ही स्कूलों को भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के सुरक्षित उपयोग पर पॉलिसी बनाने और उसे लागू करने के लिए कहा गया है। ब्लू व्हेल गेम के खतरे को देखते हुए सीबीएसई ने यह कदम उठाया है।
सीबीएसई के तमाम स्कूलों में आईपैड, लैपटॉप, टैबलेट को प्रतिबंधित कर दिया गया है। जारी आदेश में कहा गया है कि किसी भी तरह के गैजेट का प्रयोग यदि शैक्षणिक कार्यों में आवश्यक हो तो उसे बिना मंजूरी और वेरिफिकेशन के न लाया जाए। निर्देशों का पालन न होने की स्थिति में स्कूलों पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। ब्लू व्हेल गेम के कारण सामने आ रही छात्रों की मौत की घटनाओं के बाद यह सर्कुलर जारी हुआ है।
गौरतलब है कि सीबीएसई द्वारा 2009 में स्कूलों में मोबाइल लाने पर भी प्रतिबंध लगाया जा चुका है। वहीं इस वर्ष स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा के लिए भी विशेष दिशा-निर्देश जारी किए थे। सीबीएसई का कहना है कि छात्रों द्वारा इंटरनेट की सही और सुरक्षित उपयोगिता का ध्यान प्रबंधन द्वारा रखा जाए। छात्र इंटरनेट पर दुर्व्यवहार, साइबर बुलिंग, धोखाधड़ी का शिकार न हो, इस पर विशेष ध्यान देने को कहा है। छात्र फर्जी मेल आईडी न बनाए या शैक्षणिक उद्देश्य के इतर अन्य कार्यों के लिए इंटरनेट का प्रयोग न करें, इसके लिए सॉफ्टवेयर लाइसेंस का प्रयोग करने कहा गया है। स्कूलों की वेबसाइट पर वीडियो और डिजिटल सामग्रियों के प्रयोग से बचने कहा गया है। बता दें कि देश के सभी 18,000 सीबीएसई स्कूलों को शुक्रवार को यह सर्कुलर जारी किया गया है।
Wednesday, August 9, 2017
स्कॉलरशिप होनहारों के लिए
भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त विद्यालय में 11वीं, 12वीं कक्षा में पढ़ रहे विद्यार्थी और वर्ष 2017 में 12वीं पास छात्र नीड बेस्ड या फिर मैरिट बेस के आधार पर ऑल इंडिया मेरिटोरियस स्कॉलरशिप टेस्ट (ऑनलाइन) के लिए आवेदन कर सकते हैं।
मानदंड :11वीं, 12वीं और वर्ष 2017 में 12वीं कक्षा पास विद्यार्थी। आवेदन ऑनलाइन किए जाएंगे।
छात्रवृत्ति/लाभ 24 विद्यार्थियों को 5,000 से 25,000 रुपये तक की नकद राशि व आवेदन करने वाले सभी विद्यार्थियों को 6 माह की प्रीमियन मेंबरशिप दी जाएगी, इसके अलावा 1000 विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र से सम्मानित किया जाएगा।
अंतिम तिथि 15अगस्त, 2017
आवेदन हेतु लिंक http://www.b4s.in/dt/AIM0
एचडीएफसी एजुकेशनल क्राइसिज़ स्कॉलरशिप
भारतीय विद्यार्थी जिनकी शिक्षा के दौरान परिवार में कोई भी अप्रिय घटना या आर्थिक संकट के कारण बीच में छूट गई हो। उन्हें यह स्कॉलरशिप प्रदान की जा रही है।
मानदंड : किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल में छठी से 12वीं कक्षा में शिक्षार्थ हों, किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज, संस्थान, यूनिवर्सिटी से अंडरग्रेजुएशन डिग्री कोर्स से लेकर पोस्टग्रेजुएट डिग्री कोर्स के विद्यार्थी जिनकी पारिवारिक आय 3,00,000 लाख रुपये से कम हो, वे सभी इस छात्रवृति हेतु आवेदन कर सकते हैं।
ऑनलाइन, डाक द्वारा भी आवेदन स्वीकृत किए जाएंगे।
छात्रवृत्ति/लाभ 10,000 रुपये तक की स्कूल की फीस और 25,000 रुपये तक की कॉलेज फीस दी जाएगी।
अंतिम तिथि 15 अगस्त, 2017
आवेदन हेतु लिंक http://www.b4s.indt/HEC3
मेरिट कम मीन्स स्कॉलरशिप फॉर माइनॉरटी 2017
अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी, ईसाई) के आर्थिक रूप से कमजोर और मेधावी विद्यार्थियों को उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने हेतु भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। तकनीकी विषय के साथ ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन कर रहे विद्यार्थी छात्रवृत्ति हेतु आवेदन करें।
मानदंड : छात्र कोई और स्कॉलरशिप नहीं ले रहा हो और पारिवारिक आय 2.50 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम हो। महिला छात्राओं के लिए 30 फीसदी छात्रवृत्ति आरक्षित है, संख्या कम होने पर पुरुष छात्रों को छात्रवृति दी जाएगी।
आवेदन ऑनलाइन स्वीकार किए जाएंगे।
छात्रवृत्ति/लाभ छात्रवृत्ति के रूप में 20,000 रुपये प्रति वर्ष व हॉस्टलर्स को 1,000 प्रति माह (10 माह) और डे-स्कॉलर्स को छात्रवृत्ति के अलावा 500 रुपये प्रति माह (10 माह) रखरखाव हेतु दिए जाएंगे।
अंतिम तिथि:31 अगस्त, 2017
आवेदन हेतु लिंक http://www.b4s.in/dt/MCM9
आज से शुरु हुई CAT 2017 के लिए रजिस्ट्रेशन प्रकिया, रजिस्टर करते समय रखें इन बातों का ध्यान
नई दिल्ली : आईआईएम( भारतीय प्रबंधन संस्थान) सहित अन्य शीर्ष मैनेजमेंट कॉलेजों में दाखिले के ली जाने वाली कॉमन ऐडमिशन टेस्ट (कैट) की आवेदन प्रक्रिया आज से शुरु हो चुकी है। इस बार परीक्षा का जिम्मा आईआईएम लखनऊ को दिया गया है। CAT परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया 20 सितंबर तक जारी रहेगी और 26 नवंबर को यह परीक्षा देशभर के 140 शहरों में होगी।
वरीयता क्रम में दें शहरों ने नाम
कैट के लिए आवेदन करते समय अभ्यर्थियों को जिस शहर में परीक्षा देनी है, उनके नाम देने होंगे। अभ्यर्थियों से 4 शहरों के विकल्प मांगे जाएंगे, जिन्हें वरीयताक्रम में लिखना होगा। नोटिफिकेशन में कहा है कि ज्यादा से ज्यादा अभ्यर्थियों को पहली वरीयता मुहैया करवाने का प्रयास रहेगा। आवेदन शुल्क क्रेडिट या डेबिट कार्ड के माध्यम से दिया जा सकेगा।
18 अक्टूबर से मिलेंगे प्रवेशपत्र
18 अक्टूबर को वेबसाइट पर प्रवेशपत्र जारी कर दिए जाएंगे। अभ्यर्थी लॉग इन आईडी के माध्यम के प्रवेशपत्र डाउनलोड कर सकेंगे। परीक्षा कैसे देनी है और इसका फॉर्मेट क्या होगा, इसकी विस्तृत जानकारी देने के लिए आईआईएम 18 अक्टूबर को वेबसाइट पर एक ट्यूटोरिअल जारी करेगा। इसके अलावा वेबसाइट पर मॉक टेस्ट भी होगा, जिसमें शामिल होकर अभ्यर्थी अपनी तैयारियां परख सकेंगे। आवेदन फॉर्म जारी करने के साथ एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा।
इस तरह होगा कैट का पैटर्न
परीक्षा के तीन सेक्शन को हल करने के लिए तीन घंटे मिलेंगे।
हर सेक्शन के लिए 60 मिनट, पहला सेक्शन हल करने के बाद दूसरा सेक्शन कर सकेंगे।
बहुविकल्पीय के साथ विस्तृत जवाब वाले सवाल भी होंगे।
पहले सेक्शन में वर्बल अबिलिटी और रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन के सवाल।
दूसरे में डेटा इंटरप्रिटेशन और लॉजिकल रीजनिंग।
तीसरे सेक्शन में क्वान्टिटेटिव अबिलिटी के सवाल।
एनसीईआरटी किताबों की किल्लत होगी खत्म, घर बैठे मिलेगी
एनसीईआरटी किताबों की कमी के चलते स्कूलों को अब निजी प्रकाशकों की किताबें पढ़ाने के लिए मजबूर नहीं होना होगा। एनसीईआरटी ने इससे निपटने की पूरी तैयारी कर ली है। जिसके तहत स्कूलों को जरुरत के मुताबिक किताबें एडवांस में उपलब्ध कराई जाएगी, बशर्ते स्कूलों को अपनी मांग एनसीईआरटी को पहले देनी होगी। इतना ही नहीं, स्कूलों के अलावा कोई विक्रेता या अभिभावक भी घर बैठे एनसीईआरटी की किताबें मंगा सकेगा।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद( एनसीईआरटी) ने किताबों की इस किल्लत को खत्म करने की तैयारी शुरु कर दी है। इसे लेकर एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया है, जिसमें स्कूल, पुस्तक विक्रेता या फिर कोई निजी व्यक्ति भी सीधे जाकर अपनी मांग भेज सकेगा। इस पूरे सिस्टम में ऑनलाइन पेमेंट की भी व्यवस्था की गई है। एनसीईआरटी की मानें तो इस पूरी प्रक्रिया के पीछे मकसद यह है कि स्कूलों की मांग का पहले पता चल जाए, ताकि उसके मुताबिक किताबों का समय पर प्रकाशन हो सके।
एनसीईआरटी ने इसके साथ ही स्कूलों से अगले साल के लिए किताबों की मांग भी लेनी शुरु कर दी है। इसके तहत स्कूलों से आठ सितंबर तक अपनी मांग देने को कहा गया है। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाह ने बुधवार को इस पूरी व्यवस्था की औपचारिक शुरुआत की। इस दौरान मंत्रालय के स्कूली शिक्षा सचिव अनिल स्वरुप ने साफ किया कि इसका मतलब यह कतई नहीं है, कि स्कूलों में एनसीईआरटी को अनिवार्य किया जा रहा है। बल्कि स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबें पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराई जाएगी। एनसीईआरटी ने पिछले साल भी स्कूलों को मांग के मुताबिक किताबें उपलब्ध कराने की तैयारी की थी, लेकिन मांग पहले न मिलने के चलते तमाम स्कूलों को अंतिम समय में किताबें नहीं मिल पायी थी।
सीबीएसई ने स्कूलों को लिखी चिट्ठी
एनसीईआरटी की इस पहल के बाद सीबीएसई ने देश भर के अपने सभी स्कूलों को चिट्ठी लिखकर एडवांस में ही एनसीईआरटी की किताबों की बुकिंग कराने को कहा है। सीबीएसई के चेयरमैन आर के चतुर्वेदी ने बताया कि सभी 18 हजार स्कूलों को एनसीईआरटी द्वारा शुरु किए गए वेब पोर्टल की जानकारी भी दी गई है। साथ ही बताया कि वह शैक्षणिक सत्र 2018-19 के लिए अभी से अपनी मांग एनसीईआरटी को दे दे, ताकि किताबें समय पर उन्हें मिल सके।
SBI खाताधारकों के लिए खुशखबरी, अब यह सर्विस हुई फ्री
आईएमपीएस सेवा का उपयोग करते हुए मोबाइल फोन या इंटरनेट बैंकिंग से ट्रांसफर किया जा सकता है।
नई दिल्ली। यदि आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के खाताधारक हैं तो यह खबर आपके लिए है। बैंक ने मनी ट्रांसफर सर्विस आईएमपीएस यानी इमिजिएट पेमेंट सर्विस पर लगाए जाने वाले शुल्क में बदलाव किया है। नई व्यवस्ता के मुताबिक, 1000 रुपए तक का आईएमपीएस निःशुल्क रहेगा। एसबीआई ने ट्विटर पर यह जानकारी दी है।
1000 से 1 लाख तक के आईएमपीएस ट्रांसफर पर अब 5 रुपए चार्ज लगेगा। वहीं 1 लाख रुपए से दो लाख रुपए तक के ट्रांसफर के लिए 15 रुपए शुल्क रखा गया है। इन शुक्ल में जीएसटी भी शामिल हैं।
मालूम हो, आईएमपीएस सेवा का उपयोग करते हुए मोबाइल फोन या इंटरनेट बैंकिंग से ट्रांसफर किया जा सकता है। यह सेवा छुट्टियों समेत 24x7 उपलब्ध है।
NEFT और RTGS भी हुए सस्ते
साथ ही बैंक ने दूसरी मनी ट्रांसफर सेवाओं- NEFT और RTGS ट्रांजेक्शन के शुल्क भी कम कर दिए हैं। बैंक का कहना है कि डिजिटल ट्रांसजेक्शन को प्रमोट करने के लिए ऑनलाइन मनी ट्रांसफर सेवाओं के शुल्क घटाए गए हैं।
इससे पहले NEFT के जरिए 10,000 रुपए तक ट्रांसफर करने पर 2 रुपए चार्ज लगता था। अब इसे घटाकर 1 रुपया कर दिया गया है। इसमें 18 फीसदी जीएसटी भी शामिल है। वहीं 10,000 रुपए से 1 लाख रुपए तक NEFT ट्रांसफर के लिए शुल्क 4 रुपए से घटाकर 2 रुपए कर दिया गया है।