मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद यानी एनसीईआरटी, इतिहास से संबंधित भारतीय परंपरा और संस्कृति के बारे में कुछ कोर्स तैयार करेगी. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय में भारत बोध व्याख्यान श्रृंखला का शुभारंभ करते हुए जावडेकर ने कहा कि भारत की शिक्षा पद्धति ऐसी हो गई है कि हम भारत की संस्कृति के बारे में भूलते जा रहे हैं और शेष दुनिया को याद रखने पर जोर दे रहे हैं.
मंत्री ने कहा कि दुनिया को जानना और याद रखना जरूरी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम भारत और उसके गौरवशाली आतीत को भूल जाएं. मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि हम एनसीईआरटी के साथ ऐसे कोर्स को आगे बढ़ाएंगे जो भारत और उसके गौरवशाली आतीत को भूलने ना दें. हमारा मानना है कि हमारी सही पहचान हमारे अपने देश की पहचान के साथ शुरू होती हैं. बिना इसे जाने, हम दुनिया के बारे में छिपी बातों को नहीं जान पायेंगे. हमारा अपने अतीत के मूल्यों के बारे में चर्चा करने के बारे में खुला रूख हैं.
साथ ही कहा कि दर्शनशास्त्र और इंडोलॉजी से जुड़े सभी छात्रों को इस व्याख्यान में शामिल होना चाहिए. जावडेकर ने कहा कि अगर हम भारत के बारे में नहीं जानेंगे तो हम अपनी सही पहचान के बारे में नहीं जान पायेंगे. ऐसे में हमें अपने देश की सही पहचान जाननी चाहिए. इग्नू के कुलपति रविन्द्र कुमार ने कहा कि 'हम जल्द ही भारत बोध के बारे में एक नया औपचारिक सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करेंगे.
गौरतलब हैं कि एनसीईआरटी अपने सिलेबस में नया विषय जोड़ने पर ध्यान दे रही है जिससे वर्तमान पीड़ि और आगे आने वाली पीड़ियां अपने देश और उसकी गौरवशीलता से भरे आतीत को ओर करीब से जान पाएंगे. साथ ही इग्नू भी इसी विषय को ध्यान में रखते हुए एक नया औपचारिक सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करेगी.