Wednesday, August 9, 2017

Praveen Singh

एनसीईआरटी किताबों की किल्लत होगी खत्म, घर बैठे मिलेगी


एनसीईआरटी किताबों की कमी के चलते स्कूलों को अब निजी प्रकाशकों की किताबें पढ़ाने के लिए मजबूर नहीं होना होगा। एनसीईआरटी ने इससे निपटने की पूरी तैयारी कर ली है। जिसके तहत स्कूलों को जरुरत के मुताबिक किताबें एडवांस में उपलब्ध कराई जाएगी, बशर्ते स्कूलों को अपनी मांग एनसीईआरटी को पहले देनी होगी। इतना ही नहीं, स्कूलों के अलावा कोई विक्रेता या अभिभावक भी घर बैठे एनसीईआरटी की किताबें मंगा सकेगा।

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद( एनसीईआरटी) ने किताबों की इस किल्लत को खत्म करने की तैयारी शुरु कर दी है। इसे लेकर एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया है, जिसमें स्कूल, पुस्तक विक्रेता या फिर कोई निजी व्यक्ति भी सीधे जाकर अपनी मांग भेज सकेगा। इस पूरे सिस्टम में ऑनलाइन पेमेंट की भी व्यवस्था की गई है। एनसीईआरटी की मानें तो इस पूरी प्रक्रिया के पीछे मकसद यह है कि स्कूलों की मांग का पहले पता चल जाए, ताकि उसके मुताबिक किताबों का समय पर प्रकाशन हो सके।

एनसीईआरटी ने इसके साथ ही स्कूलों से अगले साल के लिए किताबों की मांग भी लेनी शुरु कर दी है। इसके तहत स्कूलों से आठ सितंबर तक अपनी मांग देने को कहा गया है। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाह ने बुधवार को इस पूरी व्यवस्था की औपचारिक शुरुआत की। इस दौरान मंत्रालय के स्कूली शिक्षा सचिव अनिल स्वरुप ने साफ किया कि इसका मतलब यह कतई नहीं है, कि स्कूलों में एनसीईआरटी को अनिवार्य किया जा रहा है। बल्कि स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबें पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराई जाएगी। एनसीईआरटी ने पिछले साल भी स्कूलों को मांग के मुताबिक किताबें उपलब्ध कराने की तैयारी की थी, लेकिन मांग पहले न मिलने के चलते तमाम स्कूलों को अंतिम समय में किताबें नहीं मिल पायी थी।

सीबीएसई ने स्कूलों को लिखी चिट्ठी 

एनसीईआरटी की इस पहल के बाद सीबीएसई ने देश भर के अपने सभी स्कूलों को चिट्ठी लिखकर एडवांस में ही एनसीईआरटी की किताबों की बुकिंग कराने को कहा है। सीबीएसई के चेयरमैन आर के चतुर्वेदी ने बताया कि सभी 18 हजार स्कूलों को एनसीईआरटी द्वारा शुरु किए गए वेब पोर्टल की जानकारी भी दी गई है। साथ ही बताया कि वह शैक्षणिक सत्र 2018-19 के लिए अभी से अपनी मांग एनसीईआरटी को दे दे, ताकि किताबें समय पर उन्हें मिल सके।


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