अजमेर.
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान से अंकतालिका अथवा प्रमाण-पत्रों की प्रतिलिपि लेने के लिए अब विद्यार्थियों को भूल चुके अपने रोल नंबर के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। बरसों से चली आ रही इस समस्या से निबटने के लिए बोर्ड प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। जल्द ही विद्यार्थियों को आवेदन में अपना नाम, पिता का नाम और विद्यालय का नाम लिखने भर से ही कुछ ही देर में दस्तावेज की प्रतिलिपि उपलब्ध हो जाएगी।
शिक्षा बोर्ड में प्रदेश के कई जिलों से रोजाना हजारों विद्यार्थी अथवा अभिभावक पुरानी परीक्षाओं की अंकतालिका अथवा प्रमाण-पत्र की प्रतिलिपि के लिए आवेदन करते हैं। इसके लिए दी गई परीक्षा का रोल नंबर लिखना अनिवार्य है। समस्या तब सामने आती है जब बरसों पूर्व परीक्षा दे चुके विद्यार्थियों को अपना रोल नंबर याद नहीं रहता। एेसे में बोर्ड कर्मचारी उनके दस्तावेज की प्रतिलिपि उपलब्ध कराने से हाथ खड़े कर देते हैं।
मुश्किल आती है रोल नंबर ढूंढने में
रोल नंबर नहीं होने की वजह से बोर्ड कार्मिक संबंधित विद्यार्थी को जिस विद्यालय से दसवीं अथवा बारहवीं की पढ़ाई की थी वहां जाकर रिकॉर्ड से अपना रोल नंबर लेकर आने की सलाह देते हैं। नौकरी अथवा व्यवसाय के लिए अपना मूल स्थान छोड़कर कहीं और बस चुके एेसे विद्यार्थी पहले तो अजमेर बोर्ड कार्यालय आते हैं। उसके बाद अपने गांव अथवा शहर के स्कूल जाना पड़ता है। लेकिन यहां भी कई बार समस्या का समाधान नहीं हो पाता। स्कूल में कर्मचारी छुट्टी पर होने अथवा रिकॉर्ड नष्ट होने की वजह से यहां भी रोल नंबर मिलना मुश्किल हो जाता है।
करना पड़ता है इंतजार
अमूमन एेसी स्थिति में संबंधित विद्यार्थी किसी तरह जान-पहचान निकालकर दस्तावेज की प्रतिलिपि के लिए जुगाड़ बिठाते है। जिनकी जान पहचान नहीं होती वे बोर्ड कार्मिकों अथवा अधिकारियों से मिन्नत करते हैं। दोनों ही स्थितियों में बोर्ड कार्मिक एहसान करने वाले अंदाज में अतिरिक्त कर्मचारी लगाकर रिकॉर्ड ढंूढने और दो-चार दिन बाद आने की कहते हैं। इन हालातों में एक दिन में मिलने वाले दस्तावेज के लिए एेसे विद्यार्थियों को 15-20 दिन इंतजार करना पड़ता है।
नाम के आधार पर रिकॉर्ड ढूंढना आसान नहींदरअसल पिछले कई वर्षों से बोर्ड प्रशासन का तर्क था कि अब तक करोड़ों विद्यार्थी परीक्षाएं दे चुके है लिहाजा सिर्फ नाम के आधार पर रिकॉर्ड ढूंढना आसान नहीं है। एक ही नाम के हजारों विद्यार्थी होने की वजह से भी बोर्ड अधिकारी इस समस्या को लगातार अनदेखा करते रहे हैं। मौजूदा बोर्ड अध्यक्ष प्रो. बी. एल. चौधरी ने इस समस्या को गंभीर मानते हुए इसका हल निकालने की कवायद शुरू करा दी है।
बरसों से चली आ रही इस समस्या का हल तो निकालना ही होगा। जल्द ही एेसी व्यवस्था शुरू हो जाएगी जिसमें विद्यार्थी के नाम, पिता व विद्यालय के नाम और परीक्षा उत्तीर्ण करने के वर्ष के आधार पर ही शीघ्र दस्तावेज उपलब्ध हो जाएंगे।-प्रो. बी. एल. चौधरी, अध्यक्ष माशिबो
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