रायसिंहनगर.
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में 4 साल पूर्व निकाली गई कनिष्ठ अभियंता कनिष्ठ लेखाकार एवं अन्य पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करते हुए निरस्त कर दिया है। इस भर्ती के माध्यम से मनरेगा में सालों से संविदा पर कार्यरत करीब 5000 से अधिक कनिष्ठ तकनीकी सहायक लेखा सहायकों एवं अन्य उच्च पदों पर कार्यरत संविदा कर्मियों के हितों पर कुठाराघात हो गया है।
सबसे बड़ी बात है कि इस भर्ती के कारण उक्त पदों पर कार्यरत कर्मचारी कनिष्ठ लिपिक भर्ती में चयनित होने के बावजूद ज्वाइन नहीं कर पाए थे। ऐसे में इन कर्मचारियों की नौकरी पक्की होने की उम्मीद टूट गई है। राज्य सरकार ने कनिष्ठ अभियंता की भर्ती को निरस्त करने के तो आदेश भी जारी कर दिए हैं। प्रमुख शासन सचिव नवीन महाजन ने जारी आदेशों में स्पष्ट किया है कि पंचायती राज विभाग के द्वारा 2013 में तत्कालीन आवश्यकता को देखते हुए पदों का सृजन किया था जिन पर भर्ती के लिए जारी की गई विज्ञप्ति को तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाता है।
विभाग द्वारा यह विज्ञप्ति मार्च 2013 में करीब 5000 पदों के लिए जारी की गई थी। इनमें कार्यक्रम अधिकारी लेखाधिकारी कनिष्ठ अभियंता एवं समन्वयकों के पद शामिल थे। उधर भर्ती केंद्र अस्त होते ही मनरेगा में कार्यरत संविदा कर्मियों में रोष फैल गया है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में 4 साल पूर्व निकाली गई कनिष्ठ अभियंता कनिष्ठ लेखाकार एवं अन्य पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करते हुए निरस्त कर दिया है। इस भर्ती के माध्यम से मनरेगा में सालों से संविदा पर कार्यरत करीब 5000 से अधिक कनिष्ठ तकनीकी सहायक लेखा सहायकों एवं अन्य उच्च पदों पर कार्यरत संविदा कर्मियों के हितों पर कुठाराघात हो गया है।
सबसे बड़ी बात है कि इस भर्ती के कारण उक्त पदों पर कार्यरत कर्मचारी कनिष्ठ लिपिक भर्ती में चयनित होने के बावजूद ज्वाइन नहीं कर पाए थे। ऐसे में इन कर्मचारियों की नौकरी पक्की होने की उम्मीद टूट गई है। राज्य सरकार ने कनिष्ठ अभियंता की भर्ती को निरस्त करने के तो आदेश भी जारी कर दिए हैं। प्रमुख शासन सचिव नवीन महाजन ने जारी आदेशों में स्पष्ट किया है कि पंचायती राज विभाग के द्वारा 2013 में तत्कालीन आवश्यकता को देखते हुए पदों का सृजन किया था जिन पर भर्ती के लिए जारी की गई विज्ञप्ति को तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाता है।
विभाग द्वारा यह विज्ञप्ति मार्च 2013 में करीब 5000 पदों के लिए जारी की गई थी। इनमें कार्यक्रम अधिकारी लेखाधिकारी कनिष्ठ अभियंता एवं समन्वयकों के पद शामिल थे। उधर भर्ती केंद्र अस्त होते ही मनरेगा में कार्यरत संविदा कर्मियों में रोष फैल गया है।