मेगा हाइवे पर लगातार बढ़ते हादसे रोकने के लिए सरकार व प्रशासन की ओर से जरूरी इंतजाम नहीं करने पर जोधपुर की विधि छात्रा अदिति वैष्णव ने राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई है।
याचिका पर न्यायालय ने नोटिस जारी कर राज्य सरकार व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। एलएलबी अंतिम वर्ष की छात्रा अदिति वैष्णव स्वयं इस मामले में अपनी पैरवी कर रही हैं।
खासी नाराजगी जताई
मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नन्द्राजोग व न्यायाधीश डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की खण्डपीठ ने सोमवार को इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की ढिलाई पर खासी नाराजगी जताई। राज्य सरकार ने कई महीनों बाद भी याचिका पर जवाब तक पेश नहीं किया। खण्डपीठ ने 8 अगस्त तक जवाब पेश करने की मोहलत देते हुए सुनवाई मुल्तवी करने के निर्देश दिए।
पांच साल में 246 मौतें
विधि छात्रा अदिति ने याचिका में जोधपुर से बाड़मेर तक 199 किलोमीटर तक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-25 में लगातार हो रही दुर्घटनाओं का मुद्दा उठाया है। आंकड़ों के मुताबिक गत पांच सालों में 308 सड़क हादसों में 246 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा हैं। मेगा हाइवे पर लगातार बढ़ते हादसे रोकने के लिए सरकार व प्रशासन की ओर से जरूरी इंतजाम नहीं करने पर जोधपुर की विधि छात्रा अदिति वैष्णव ने राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई है।
याचिका पर न्यायालय ने नोटिस जारी कर राज्य सरकार व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। एलएलबी अंतिम वर्ष की छात्रा अदिति वैष्णव स्वयं इस मामले में अपनी पैरवी कर रही हैं।
खासी नाराजगी जताई
मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नन्द्राजोग व न्यायाधीश डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की खण्डपीठ ने सोमवार को इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की ढिलाई पर खासी नाराजगी जताई। राज्य सरकार ने कई महीनों बाद भी याचिका पर जवाब तक पेश नहीं किया। खण्डपीठ ने 8 अगस्त तक जवाब पेश करने की मोहलत देते हुए सुनवाई मुल्तवी करने के निर्देश दिए।
पांच साल में 246 मौतें
विधि छात्रा अदिति ने याचिका में जोधपुर से बाड़मेर तक 199 किलोमीटर तक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-25 में लगातार हो रही दुर्घटनाओं का मुद्दा उठाया है। आंकड़ों के मुताबिक गत पांच सालों में 308 सड़क हादसों में 246 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा हैं। मेगा हाइवे पर हर छठे दिन दुर्घटना और सातवें दिन मौत हो रही है। हाइवे पर दुर्घटनाएं रोकने के लिए प्रशासन व पुलिस ने कोई प्रयास नहीं किए हैं। फोर लेने मेगा हाइवे के बीच डिवाइडर नहीं हैं। इससे 95 फीसदी हादसे वाहनों में आमने-सामने भिड़ंत हुई हैं। वाहन आमने-सामने टकराने से उसमें सवार लोगों के बचने के अवसर कम ही रहते हैं।
हाइवे पर हर छठे दिन दुर्घटना और सातवें दिन मौत हो रही है। हाइवे पर दुर्घटनाएं रोकने के लिए प्रशासन व पुलिस ने कोई प्रयास नहीं किए हैं। फोर लेने मेगा हाइवे के बीच डिवाइडर नहीं हैं। इससे 95 फीसदी हादसे वाहनों में आमने-सामने भिड़ंत हुई हैं। वाहन आमने-सामने टकराने से उसमें सवार लोगों के बचने के अवसर कम ही रहते हैं।