शहरके युवाओं को अब डिप्लोमा करने के लिए शहर नहीं छोड़ना होगा। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय एक साथ करीब 15 विषयों में डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। आने वाली जुलाई में ही पाठ्यक्रम शुरू होंगे।
विवि ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। सभी पांच विभागों के अधीन तीन-तीन डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू होंगे। विवि प्रशासन अब सिर्फ परीक्षा कराने की छवि से बाहर निकलने के प्रयास में है और उसी के तहत ये प्रक्रिया की जा रही है। अभी तक विवि की छवि सिर्फ परीक्षा कराने वाले विवि की है। इन डिप्लोमा पाठ्यक्रम को शुरू करने के लिए सरकार की अनुमति की भी जरूरत नहीं है। विवि की एकेडमिक और बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में पारित कर शुरू होगा। सरकार से विवि ने 15 नए विषयों में पाठ्यक्रम की अनुमति जरूर मांगी है। वह अब सरकार पर निर्भर है कि इसमें से कितने विषयों में पाठयक्रम खोलने की अनुमति देती है।
दरअसल विभाग खोलने की अनुमति के साथ ही सरकार को प्रत्येक विभाग में एक प्रोफेसर, दो एसाेसिएट और तीन असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद भी स्वीकृत करने होंगे जिससे सरकार पर वित्तीय भार भी आएगा लेकिन विवि के उम्मीद है कि सरकार अनुमति देगी।
इन विषयों के विभागों के सरकार को भेजे प्रस्ताव
हिंदी,संस्कृति, जर्नलिज्म एवं मास कम्युनिकेशन, सोशल साइंस, इंटरनेशनल रिलेशन, इकोनोमिक्स में ग्रोथ डवलपमेंट, जियोग्राफी, पब्लिक पॉलिसी गवर्नेंस, कॉमर्स, एप्लाइड कैमिस्ट्री, फूड एवं न्यूट्रीशन, लॉ, एमएड, एमपीएड, योगा, मैनेजमेंट, सेंटर फॉर स्किल डवलपमेंट, होटल एवं टूरिज्म डवलपमेंट, हॉस्पिटिलिटी, एनजीओ मैनेजमेंट विभाग शामिल हैं।
इन विषयों में होगा डिप्लोमा
सेंटरफॉर वंशावली, राजस्थानी भाषा एवं संस्कृति, आर्काेलॉजी, साइबर लॉ एवं सिक्योरिटी, फैशन डिजाइनिंग, वाइल्ड लाइफ, टेक्नोलॉजी क्वालिटी कंट्रोल एवं एश्योरेंस, फूड प्रोडक्शन, नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट, डिजाइन डवलपमेंट, सेंटर फॉर ट्रांसलेशन के अलावा तीन और विषय शामिल हैं। इसमें पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू होगा।