प्रारंभिकशिक्षा विभाग में डीईओ प्रेमजी पाटीदार और एडीईओ परथा दामा के बीच गुरुवार को काम-काजी व्यवस्थाओं को लेकर काफी बहसबाजी हुई। इस दौरान स्थिति यह बन गई कि डीईओ के कक्ष के बाहर ऑफिस के कर्मचारी एकत्रित हो गए।
बाद में एडीईओ अपने कक्ष में गए और डीईओ अपने काम में व्यस्त हो गए, लेकिन दोनों अधिकारियों के बीच बहसबाजी विभाग में चर्चा का विषय बन गई। हालांकि मामला साक्षरता विभाग से जुड़ा हुआ था। पिछले दिनों साक्षरता विभाग में जिला साक्षरता अधिकारी ललित कमाल का प्रमोशन हुआ और तबादला हो गया। इसके बाद अधिकारी का पद खाली पड़ा हुआ था। कलेक्टर भगवती प्रसाद ने एक आदेश जारी कर काम-काजी व्यवस्था के तहत प्रारंभिक शिक्षा विभाग के एडीईओ परथा दामा को चार्ज दिया। अब दामा के पास दो चार्ज हो गए।
इस बीच दामा सुबह के समय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और दोपहर बाद साक्षरता विभाग में रूटीन के काम निबटाते हैं। इसी व्यवस्था को लेकर बताया जाता है कि आधे घंटे तक डीईओ कार्यालय में दोनों के बीच काफी बहस हुई।
^ऑफिस के मेल से ही आदेश आया था। उन्होंने ही बुलाकर दिया था और कहा था कि यह आपका आदेश है। पहले अवॉइड किया था, फिर पद संभाला। किसी को तकलीफ हो तो छोड़ देते हैं। *-परथादामा, एडीईओ प्रारंभिक*
^काम नहीं होता है तो कहना पड़ता है। वैसे ऐसी कोई बात नहीं है। साक्षरता का काम कर रहे हैं, लेकिन मुझे बताया नहीं गया था। बाकी बहसबाजी जैसी कोई बात नहीं हुई थी। सिर्फ जानकारी मांगी थी। *-प्रेमजीपाटीदार, डीईओ प्रारंभिक*
विभागीय सूत्रों के मुताबिक जिला साक्षरता अधिकारी का चार्ज के लिए प्रशासन की ओर से विभागीय मेल पर ही परथा दामा के लिए आदेश जारी हुए थे। इसके बाद इसकी कॉपी डीईओ के टेबल पर पहुंची थी और टेबल से ही दामा तक जानकारी पहुंची थी। फिर भी डीईओ द्वारा बताया जा रहा है कि उन्हें साक्षरता अधिकारी के पदभार की जानकारी नहीं है। हालांकि इस बात का दावा डीईओ पाटीदार द्वारा किया जा रहा है, जबकि विभागीय सिस्टम के मुताबिक व्यवस्था तो यही है।
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