शिक्षाविभाग ने इस बार पांचवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को उर्दू की परीक्षा से ही वंचित कर दिया। सालभर स्कूलों में उर्दू विषय की पढ़ाई हुई, लेकिन परीक्षा टाइम-टेबल से उर्दू को गायब ही कर दिया गया। हालांकि इस टाइम-टेबल में संस्कृत विषय की परीक्षा का शिड्यूल रखा गया है और उर्दू की परीक्षा केवल मदरसों तक सीमित कर दी गई है। ऐसे में प्राइमरी कक्षाओं के हजारों उर्दूभाषी बच्चे परीक्षा देने से वंचित रह गए। पिछले साल तक सभी स्कूलों में भाषाई अल्पसंख्यकों के लिए उर्दू, पंजाबी, सिंधी गुजराती की पढ़ाई के साथ परीक्षा की भी व्यवस्था थी। इस बार टाइम-टेबल में सभी विषयों की परीक्षा के लिए निर्धारित दिन समय तय किया गया है। उसके साथ ही आखिरी दिन संस्कृत उर्दू भी दर्ज किया गया है, लेकिन कोष्ठक में केवल मदरसों के लिए दर्ज कर दिया गया।
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