राजसमंद.
उदयपुर की एक लेखिका की पुस्तक में महाराणा प्रताप को भील बताने और आपत्तिजनक तथ्यों का राजपूत समाज ने विरोध किया है। इस सिलसिले में सोमवार को जय राजपूताना संघ की ओर से जिला प्रशासन को ज्ञापन भी दिया गया।
ज्ञापन में बताया गया कि लेखिका डॉ. कुसुम मेघवाल की पुस्तिका महाराणा प्रताप भील थे नामक पुस्तिका में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के बारे में गलत और आपत्तिजनक तथ्यों का वर्णन किया गया है। इस कृत्य से आमजन और खासकर राजपूत समाज में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है। राजपूत समाज के लोगों ने लेखिका के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करने, पुस्तक को तत्काल प्रतिबंधित करने और लेखिका की डॉक्टरेट की उपाधि वापस लेने की मांग की।
उदयपुर की एक लेखिका की पुस्तक में महाराणा प्रताप को भील बताने और आपत्तिजनक तथ्यों का राजपूत समाज ने विरोध किया है। इस सिलसिले में सोमवार को जय राजपूताना संघ की ओर से जिला प्रशासन को ज्ञापन भी दिया गया।
ज्ञापन में बताया गया कि लेखिका डॉ. कुसुम मेघवाल की पुस्तिका महाराणा प्रताप भील थे नामक पुस्तिका में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के बारे में गलत और आपत्तिजनक तथ्यों का वर्णन किया गया है। इस कृत्य से आमजन और खासकर राजपूत समाज में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है। राजपूत समाज के लोगों ने लेखिका के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करने, पुस्तक को तत्काल प्रतिबंधित करने और लेखिका की डॉक्टरेट की उपाधि वापस लेने की मांग की।