जयपुर.
देश के सबसे बड़े राज्य में पेपर लीक करने वाले बड़े रैकेट के खुलासे के बाद पकड़ में आए 13 लोगों में से 12 को 23 अप्रैल तक रिमांड पर लिया गया है। 150 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की तो मामले की तह तक पहुंच पाई पुलिस...
एसओजी से जुड़े अधिकारियों ने Rajasthanpatrika.com को बताया कि, एक दर्जन से ज्यादा लोग हैं, जिन्होंने एक्जाम स्टार्ट होने से पहले ही कई जगह पेपर लीक किए। राजस्थान यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर खुद ये काम कराता था। एक कार्रवाई के दौरान खुलासा करते हुए 13 लोगों को गिरफतार किया गया। एसओजी ने गिरफ्तार 12 आरोपितों को एसीएमएम-12 कोर्ट में पेश किया जहां से सभी को 23 अप्रेल तक पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया गया है।
पहले बुधवार तक ही मिली रिमांड
इससे पूर्व सोमवार को एक आरोपित को जज के निवास पर पेश कर 19 अप्रेल तक रिमांड पर भेजा।
राजस्थान विश्वविद्यालय समेत बीकानेर विश्वविद्यालय के पेपर लीक करने वाले इस रैकेट के आरोपितों को एसओजी ने अलग-अलग छापामार कार्रवाई कर गिर तार किया है। इस मामले में एसओजी ने मंगलवार को जयपुर निवासी शरद शर्मा, नंदलाल माली, बाबुलाल गुप्ता, जेपी जाट और राजस्थान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर गोविंद पारीक दौसा निवासी चन्द्रप्रकाश, अनिाल रावत, अजय कुमार बीकानेर निवासी निरंकार स्वरूप मोदी हनुमानगढ़ निवासी व्याख्याता कालीचरण चौमू निवासी शंखूदयाल और शंकरलाल चौपड़ा को कोर्ट में पेश किया।
एसओजी ने अदालत में सभी से पूछताछ व अन्य कडि़या जोडऩे के लिए 25 अप्रेल तक रिमांड मांगा था। कोर्ट ने स ाी को पांच दिन के रिमांड पर पुलिस अ िारक्षा में सौंप दिया है। इससे पूर्व एसओजी निपूण मोदी को सोमवार को जज के निवास पर पेश कर चुकी थी।
व्हाट्सएप से पहुंचे तह तक
एसओजी ने इस रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए लीक होते प्रश्नपत्रों की छानबीन की। इसके बाद उनको जानकारी मिली की पेपर व्हाट्सएप पर भेजे जा रहे हैं। इस दौरान पुलिस ने 150 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की तो मामले की तह तक पहुंची और आरोपितों को पकड़ा है। उन्होने बताया कि राजस्थान विश्वविद्यालय समेत बीकानेर विश्वविद्यालय के कुछ पेपर लीक किए गए हैं। अ ाी पूछताछ की जा रही है और ाी कई मामले ाुलने की संभावना है।
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