Tuesday, May 9, 2017

Praveen Singh

20 वर्ष बाद सरहद के 1 लाख विद्यार्थियों को स्मार्ट बनाने की तैयारी!



जैसलमेर. पाक सीमा से सटे सरहदी जैसलमेर जिले के 1 लाख विद्यार्थियों को स्मार्ट बनाने की तैयारी हो चुकी है। गर्मी की छुट्टियों के बाद जब सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी स्कूल आएंगे तो उनकी गणवेश होगी भूरी व कत्थई रंग की। विभागीय जानकारों की मानें तो ऐसा सरकारी विद्यार्थियों को ‘स्मार्ट लुक’ में दिखाने के लिहाज से किया गया है। गौरतलब है कि करीब 20 वर्ष बाद सरकारी स्कूल की गणेवश में यह बदलाव किया गया है। पहले गुणवतापरक शिक्षा व्यवस्था लागू करने के बाद अब विद्यार्थियों  की गणवेश को भी नवाचारों की फेहरिस्त में शामिल किया गया है। सरकारी विद्यालयों में  पढऩे वाले छात्रों को हल्के भूरे रंग के शर्ट व कत्थई कलर की पेंट व हाफ पेंट और छात्राओं को हल्के भूरे रंग के कमीज व कत्थई रंग की सलवार व स्कर्ट की गणवेश में स्कूल आएगी। शिक्षा विभाग ने इसकी कवायद गत सत्र में ही ड्रेस कोड में बदलाव करने के संकेत दिए थे, जिसे अब विद्यालय स्तर पर लागू करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए है।

विद्यालयों को सौंपा जिम्मा

विभाग ने सभी विद्यालयों के जिम्मेदारों को नया सत्र शुरू होने से पहले विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को लागू की गई विद्यालय की नई यूनिफार्म की जानकारी देने का जिम्मा सौंपा है। विभाग से मिले निर्देशों के बाद विद्यालय के सूचना पट्ट पर बाकायदा स्कूल यूनिफॉर्म की जानकारी के साथ रंग संबंधी संदेह को दूर करने के लिए गणवेश को मॉडल्स पर पहनाकर प्रदर्शित भी किया गया है।

यह है स्थिति 

-सरहदी जैसलमेर जिले की सरकारी विद्यालयों में  पहली से बारहवीं तक एक लाख से अधिक विद्यार्थी करते है अध्ययन

-प्राथमिक से मिडिल स्कूल तक करीब 80 हजार से अधिक नियमित विद्यार्थी है सरकारी स्कूलों में

-25 हजार से अधिक विद्यार्थियों की संख्या है नौवीं से बारहवीं तक पढऩे वाले विद्यार्थियों की

-पोशाक बनवाने में विद्यार्थियों को विद्यालय शुल्क से अधिक राशि खर्च करनी पड़ेगी।

फैक्ट  फाइल

- 1 लाख से अधिक विद्यार्थी पढ़ते है जिले के सरकारी विद्यालयों में।

- 1100 से अधिक प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अधीन चल रही है जिले में सरकारी विद्यालय।

- 167 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय है जिले में।

- ७५ फीसदी से अधिक नामांकन ग्रामीण अंचलों में है सरकारी विद्यालयों का।

- 25 हजार से अधिक विद्यार्थी है निर्धन परिवारों से सरकारी विद्यालयों में।

ये है सरकारी स्कूलों की फीस

11वीं व 12वीं कक्षा में सामान्य विद्यार्थी की फीस ३१५, ओबीसी, एससी,एसटी  फीस १६५ रुपए व विकास शुल्क अलग से निर्धारित है।  इसी  प्रकार कक्षा 9 से 10 सामान्य विद्यार्थी फीस 265, ओबीसी, एसी, एससी, एसटी फीस 165 और मय विकास शुल्क, कक्षा 1 से 8 की फीस अभी तय नहीं है। इसे अनुदान के तौर पर तय किया जाएगा, जिसे स्कूल मैनेजमेंट कमेटी तय करेगी। यह सामान्यत 100 व 200 रुपए हो सकती है।

विद्यालयों को जारी कर दिए निर्देश 

एक जुलाई से सरकारी विद्यालयों का ड्रेस कोड बदल दिया गया है। इस सबंध में सभी विद्यालयों को ड्रेस कोड के सेम्पल भेजने के बाद निर्देश भी जारी कर दिए गए है। विद्यालय के संस्था प्रधानों को अभिभावकों को ड्रेस कोड की जानकारी देने की जिम्मेदारी भी दी गई है।

-कमल किशोर व्यास, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक, जैसलमेर

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