
अजमेर।
विश्वविद्यालय शोधार्थियों के आधार नंबर वेबसाइट पर सार्वजनिक नहीं कर सकेंगे। आधार कार्ड अधिनियम के नियमों के चलते यूजीसी ने पुराने आदेश में संशोधन किया है। सभी विश्वविद्यालयों को इसकी पालना करनी जरूरी होगी।
विश्वविद्यालयों में कला, वाणिज्य, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, विधि, प्रबंध अध्ययन और अन्य संकायों में विषयवार पीएचडी होती है।
वर्ष 2009-10 से यूजीसी पीएचडी और एमफिल में प्रवेश परीक्षा की अनिवार्यता लागू कर चुका है। कई विश्वविद्यालय शोधार्थियों की संख्या, टॉपिक, गाइड आवंटन, नामांकन और सूचनाएं सार्वजनिक नहीं करते।
इसके चलते यूजीसी ने 9 मार्च को आदेश जारी किए। इसमें विश्वविद्यालयों के लिए वेबसाइट पर एमफिल और पीएचडी में पंजीकृत शोधार्थी, शोध का टॉपिक, सुपरवाइजर और सहायक सुपरवाइजर का नाम, नामांकन/पंजीयन की तिथि, आधार कार्ड/फोटो पहचान पत्र की सूचना देना अनिवार्य कर दिया।
अधिनियम नहीं देता इजाजत
यूजीसी के सचिव प्रो. जसपाल सिंह सन्धु ने जारी आदेश में बताया कि आधार (वित्तीय, सब्सिडी, लाभांश और सेवा) अधिनियम-2016 के तहत आधार नम्बर को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित, मुद्रित और प्रकाशित नहीं किया जा सकता। इसके चलते विश्वविद्यालय शोधार्थियों के आधार नम्बर सार्वजनिक नहीं कर सकेंगे।