अजमेर।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की परीक्षाओं के परिणाम के साथ जारी होने वाली अस्थायी राज्य स्तरीय योग्यता सूची की परंपरा बंद हो सकती है। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि प्रति वर्ष संवीक्षा के उपरांत जारी होने वाली स्थायी योग्यता सूची मे अनेक एेसे विद्यार्थी बाहर हो जाते हैं जो पूर्व में अस्थायी योग्यता सूची में शामिल होते हैं। बोर्ड भी अस्थायी योग्यता सूची को औचित्यहीन मानता है।
बोर्ड के परिणाम के साथ ही विद्यार्थियों की राज्य व जिला स्तरीय योग्यता सूची जारी की जाती है। हालांकि इस सूची को अधिकृत व मान्य नहीं माना जाता।
उत्तरपुस्तिकाओं की संवीक्षा (री-टोटलिंग ) की वजह से अनेक विद्यार्थियों के अंकों में बढ़ोतरी हो जाती है और कुछ विद्यार्थी योग्यता सूची में आ जाते हैं। इस कारण पूर्व में अस्थायी योग्यता सूची में शामिल अनेक विद्यार्थी बाहर हो जाते हैं। लिहाजा बोर्ड को प्रति वर्ष नए सिरे से स्थायी योग्यता सूची जारी करनी पड़ती है।
पिछले साल बदल गई थी पूरी सूची
बोर्ड की पिछले साल हुई सैकंडरी परीक्षा की कमोबेश पूरी राज्य स्तरीय योग्यता सूची ही बदल गई थी। अस्थायी योग्यता सूची में शामिल 22 विद्यार्थी स्थायी योग्यता से बाहर हो गए थे। इसके अलावा इस योग्यता सूची के तीसरे से 15 वें नंबर तक के लगभग 147 विद्यार्थियों के स्थान में भी फेरबदल हो गया था।
यही हालत सीनियर सैकंडरी की स्थायी योग्यता सूची का भी रहा। इसकी स्थायी योग्यता सूची में से भी लगभग नौ विद्यार्थी बाहर हो गए थे। इससे एक वर्ष पूर्व दसवीं की अस्थायी योग्यता सूची में एक ही विद्यालय के 15 विद्यार्थी शामिल होने से काफी विवाद हुआ था।
बोर्ड को इसकी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) से जांच करानी पड़ी थी। यह स्थिति पिछले अनेक वर्ष से बन रही है।
...हो सकती है अनहोनी
दरअसल बोर्ड की ओर से जारी अस्थायी योग्यता सूची में शामिल होने के बाद अधिकांश विद्यार्थी सार्वजनिक तौर पर खुशी का इजहार करते हैं। सोशल मीडिया सहित समाचार पत्रों में उनके साक्षात्कार सहित फोटो प्रकाशित होते हैं।
स्थायी योग्यता सूची से बाहर होने की वजह से संवेदनशील विद्यार्थी मजाक बनने की आशंका से भावुकता में गलत कदम उठा सकते हैं। सोशल मीडिया प्रभावी होने की वजह से कुछ लोग इसका बेजा फायदा उठा सकते हैं।
सीबीएसई नहीं जारी करता मेरिट
अस्थायी अथवा स्थायी योग्यता सूची जारी करने की परंपरा महज राजस्थान बोर्ड राजस्थान में ही है। देश का अग्रणी केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अपनी परीक्षाओं की योग्यता सूची जारी करता। लिहाजा अब राजस्थान बोर्ड भी फिलहाल अस्थायी योग्यता सूची को बंद करने पर विचार कर रहा है।
हां यह सही है कि सोशल मीडिया की वजह से स्थायी योग्यता सूची से बाहर होने वाले विद्यार्थियों का मजाक बन सकता है। वैसे तो सीबीएसई भी कोई मेरिट जारी नहीं करता। विद्यार्थियों के लिए राज्य सरकार की ओर से गार्गी अथवा लैपटॉप पुरस्कार की योजना परिणाम प्रतिशत के आधार पर है। अस्थायी योग्यता सूची का कोई औचित्य भी नहीं है। बोर्ड बैठक में इस पर विचार करेंगे।
-प्रो. बी. एल. चौधरी, अध्यक्ष माशिबो राजस्थान
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